5 Simple Statements About पारद शिवलिंग कहा मिलता है Explained
5 Simple Statements About पारद शिवलिंग कहा मिलता है Explained
Blog Article
यावेळी 'ओम नमः शिवाय, ओम् त्रयंबकम् यजामहे सुगंधिम् पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बंधनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् इत्यादी मंत्रांचा उच्चार करा. शिवलिंगाची प्रतिष्ठापना करण्यासाठी लक्षात घ्या की, पूजा करताना तुमचे तोंड पूर्व-उत्तर दिशेला असावे. दररोज सकाळी नियमित पूजा करावी, असे केल्याने सकारात्मक लाभ होतो. तर श्रावण किंवा शिवरात्रीच्या सोमवारी विशेष पूजा करा.
सावन के महीने में विधि विधान से पारद और स्फटिक शिवलिंग की पूजा करना कल्याणकारी होता है। पारद शिवलिंग की पूजा के दिन ब्रह्ममुहुर्त में उठकर स्नान आदि कार्य खत्म कर लेने चाहिए। इसके बाद मंदिर की सफाई करनी चाहिए। मंदिर में सफेद कपड़े का आसन बिछाकर पारद शिवलिंग की स्थापना इस प्रकार करें कि पारद शिवलिंग की पूजा करते समय जातक का मुंह उत्तर- पूर्व दिशा की तरफ रहे। पारद शिवलिंग के दाहिनी तरफ घी का दिया जलाएं और ॐ मृत्युभजाय नमः, नीलकंठाय नमः, ॐ रुद्राय नमः और ॐ शिवाय नमः मंत्रों का जाप करें। मंत्र जाप करने के बाद हाथों में कुछ चावल और फूल लेकर पारद शिवलिंग पर अर्पित जरूर करें। ऐसा करने का अर्थ होता हुआ की हमारी पूजा संपन्न हो गई है।
हिंदू धर्म में शिवलिंग भगवान शिव का सर्वोच्च प्रतीक है और उनकी पूजा का केंद्र बिंदु माना जाता है। विभिन्न प्रकार के शिवलिंग विद्यमान हैं, जिनमें पारद शिवलिंग और स्फटिक शिवलिंग क्यों है खास ? घर में इनकी पूजा करने के लिए क्या है लाभऔर स्फटिक शिवलिंग का एक विशेष स्थान है। ये दोनों शिवलिंग अपनी विशिष्टताओं और लाभों more info के कारण पूजनीय माने जाते हैं। आइए, इस लेख में इन शिवलिंगों की महिमा, महत्व और घर में स्थापित करने के फायदों को विस्तार से जानें।
सामग्री पर जाएँ मुख्य मेन्यू मुख्य मेन्यू
जर तुम्ही पारद शिवलिंगाची पूजेजा केली तर तुम्हाला कोट्यवधी शिवलिंगांची पूजा केल्याने मिळणारे फळ मिळते अशी मान्यता आहे.
पुराणों में बताया गया है कि इस शिवलिंग में संपूर्ण ब्रह्मांड का ज्ञान होता है।
हवन की राख का क्या है धार्मिक महत्व ? क्या है इसके अन्य लाभ
पारद शिवलिंग बहुत ही पुण्य फलदायी और सौभाग्यदायक होते हैं।
पारद शिवलिंग से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है।
भांग, धतूरा और बेलपत्र शिवलिंग पर अवश्य चढ़ाएं यह शिव को प्रिय है।
म्हणजेच कोट्यावधी शिवलिंगाच्या दर्शनाचे फळ एकट्या पारद शिवलिंगाच्या पूजेने आणि दर्शनाने मिळते. पारद शिवलिंगाची पूजा केल्याने सकारात्मक फळ लाभते. धार्मिक मान्यतेनुसार, पारद शिवलिंग हे भगवान शंकराचे वास्तविक रूप आहे, म्हणून या शिवलिंगाची विधीवत पूजा केल्याने अनेक प्रकारे फायदा होतो. घरातील पारद शिवलिंग सौभाग्य, शांती, आरोग्य आणि सुरक्षिततेसाठी अत्यंत शुभ आहे. दुकाने, कार्यालये आणि कारखान्यांमध्ये व्यवसाय वाढवण्यासाठी पारद शिवलिंगाची पूजा हा एक निश्चित मार्ग आहे.
नांदेड पासून परभणी ७० कि.मी. अंतरावर आहे.
दोनों ही शिवलिंग अपने आप में महत्वपूर्ण और पूजनीय हैं। पारद शिवलिंग को भगवान शिव का साक्षात् स्वरूप माना जाता है, जबकि स्फटिक शिवलिंग को स्वयंभू रूप माना जाता है। पारद शिवलिंग नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और ग्रह दोषों को कम करने में सहायक माना जाता है, वहीं स्फटिक शिवलिंग मन को शांत करने और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने में सहायक होता है। आप अपनी आवश्यकताओं और पूजा पद्धति के अनुसार इनमें से किसी एक शिवलिंग को चुन सकते हैं।
शिवलिंग की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बर्तन में शुद्ध जल भरकर उसमे शिवलिंग को रखे और उसका नियमित रूप से अभिषेक करना चाहिए।